वसंत ऋतू में नीलकंठ के लिए जालीघर में बंद रहना असहनीय क्यों हो जाता था?
नीलकंठ को वसंत ऋतु बहुत पसंद होती है। चारों तरफ खिले हुए फूल, पेड़ों पर नई-नई पत्तियां, आम के पेड़ों पर मंजरियां उसके मन को खुश कर देती थीं| इस सुनहरे दृश्य को देखकर नीलकंठ का मन जालीघर से बाहर आने के लिए बेचैन हो जाता था। इस प्रकार के सुहावने मौसम और वातावरण में उसका जाली में बंद रहना असहनीय हो जाता था और वह बाहर आने के लिए तड़पता था|